
sariya cement price update : भारत सरकार द्वारा हाल ही में निर्माण सामग्री पर लागू की गई नई GST दरों ने देशभर में निर्माण कार्य की लागत को काफी कम कर दिया है। इस बदलाव से खासतौर पर सीमेंट, बालू और गिट्टी जैसी आवश्यक सामग्रियों की कीमत में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। यह राहत उन परिवारों के लिए विशेष महत्व रखती है जो बढ़ती कीमतों के कारण घर बनाने से हिचकिचा रहे थे।
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सीमेंट की कीमत में गिरावट
पहले सीमेंट पर 28% GST लागू था, जिसमें 14% केंद्रीय और 14% राज्य कर शामिल था। नई दरों के अनुसार अब केवल 18% GST देना होगा, यानी सीधे 9% से 10% तक की बचत होगी। पहले सीमेंट की कीमत ₹320 से ₹340 प्रति बैग थी, जो अब घटकर ₹290 से ₹300 प्रति बैग पर आ गई है। निर्माण व्यापारियों के अनुसार प्रति बैग अब ₹30 से ₹35 की बचत हो रही है, जो सीधे उपभोक्ता तक पहुंच रही है।
अन्य निर्माण सामग्री की कीमत
सीमेंट के साथ-साथ बालू और गिट्टी की कीमत में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। अब बालू की कीमत में ₹400 से ₹700 प्रति 100 स्क्वायर फीट की कमी देखने को मिल रही है। इसी तरह गिट्टी की दरों में भी समान गिरावट आई है। ईंट की कीमतों में मामूली कमी हुई है, जबकि सरिया यानी TMT 500 की कीमत में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला है। फिलहाल यह ₹52 से ₹54 प्रति किलो के बीच मिल रहा है। वहीं, टाटा टिस्को सरिया की कीमत साइज के अनुसार ₹219 (6m) से ₹5708 (32m) तक है।
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छोटे मकान निर्माण में बचत
यदि 100 स्क्वायर फीट के मकान के निर्माण का उदाहरण लें तो इसके लिए लगभग 35 से 40 बैग सीमेंट, 300 स्क्वायर फीट बालू, 125 स्क्वायर फीट गिट्टी, 1 से 1.2 क्विंटल सरिया तथा 1500 से 2000 ईंटों की आवश्यकता होती है। पहले इस आकार के घर के निर्माण पर 70,000 से 80,000 रुपये तक की लागत आती थी, जबकि नई GST दरों के बाद यह घटकर 65,000 से 75,000 रुपये तक रह गई है। इस तरह सामान्य गृह निर्माण में भी परिवारों को सीधे तौर पर अच्छा लाभ हो रहा है।
बड़े मकान निर्माण में अधिक फायदा
अगर हम बड़े मकान (लगभग 1000 स्क्वायर फीट) की बात करें तो इसकी लागत पहले लगभग 6 से 7 लाख रुपये तक आती थी। लेकिन नई GST दरों के लागू होने के बाद अब यह खर्च 5 से 6 लाख रुपये के बीच रह गया है। यानी कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक की सीधी बचत हो रही है, जो मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण राहत साबित हो रही है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पर असर
इस बदलाव का असर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में 15% से 20% तक की लागत में कमी आई है। इसका प्रमुख कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय निर्माण सामग्री का अधिक उपयोग होता है और परिवहन शुल्क भी अपेक्षाकृत कम रहता है। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी कीमतों में 10% से 20% तक की गिरावट देखने को मिली है, हालांकि शहरों में ब्रांडेड सामग्री और अधिक श्रम लागत के कारण लाभ ग्रामीण इलाकों की तुलना में थोड़ा कम है।
भविष्य की संभावनाएं
निर्माण सामग्री से जुड़े विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले समय में कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है। व्यापारी पुराने महंगे स्टॉक को निकाल रहे हैं और कम लागत पर नया स्टॉक बेच रहे हैं, जिससे बाजार में धीरे-धीरे स्थिरता आएगी। इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को भविष्य में और अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
अस्वीकरण
यह जानकारी सामान्य ज्ञान और सूचना के उद्देश्य से दी जा रही है। वास्तविक कीमतें स्थान, समय और विक्रेता के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले स्थानीय बाजार से दरों की पुष्टि अवश्य करें और सामग्री की गुणवत्ता की जांच करना न भूलें।
निष्कर्ष
नई GST दरों ने भारत के निर्माण क्षेत्र को नई दिशा दी है। कीमतों में आई कमी के कारण आम नागरिकों से लेकर निर्माण व्यवसायियों तक सभी को राहत मिली है। यह कदम देश में निर्माण कार्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ लाखों लोगों के अपने घर का सपना साकार करने में मददगार साबित हो रहा है।
Published On: October 8, 2025 9:07 AM by Chandrahas